रतलाम | न्यूज़ऑफिस24
शहर के औद्योगिक क्षेत्र थाने की पुलिस एक बार फिर सवालों के घेरे में है। भील प्रदेश विद्यार्थी मोर्चा द्वारा आदिवासी समाज के छह छात्रों के साथ थाने में पूछताछ के नाम पर मारपीट का गंभीर आरोप लगाया गया है। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए एसपी अमित कुमार ने जांच की जिम्मेदारी अजाक डीएसपी को सौंपी है। उन्हें तीन दिन में रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए हैं।
पूछताछ के बहाने थाने ले जाकर दी शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना
भील प्रदेश विद्यार्थी मोर्चा की शिकायत के अनुसार, 19 जुलाई 2025 को औद्योगिक क्षेत्र थाने की पुलिस ने 18 जुलाई को हुई सोने के कंगन की चोरी की घटना के संबंध में पीएनटी कॉलोनी क्षेत्र से आदिवासी समाज के छह छात्रों—पवन चारेल, राजेंद्र डामोर, गोरधन डामोर, मगन भाभर, प्रकाश पारगी और महेश गामड़—को पूछताछ के नाम पर वाहन में बैठाकर थाने ले गई थी।
मोर्चा का आरोप है कि छात्रों को दोपहर 12:30 बजे से रात 9 बजे तक भूखे-प्यासे थाने में बैठाए रखा गया। इस दौरान उन्हें शारीरिक और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया। मारपीट में घायल पवन चारेल और राजेंद्र डामोर को जिला अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा।

निष्पक्ष जांच की मांग, चेताया आंदोलन का रास्ता
विद्यार्थी मोर्चा ने 20 जुलाई को प्रदर्शन कर इस मामले में एसपी के नाम ज्ञापन रतलाम ग्रामीण एसडीओपी किशोर पाटनवाला को सौंपा था। उन्होंने दोषी पुलिसकर्मियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है। मोर्चा ने चेतावनी दी है कि यदि न्याय नहीं मिला, तो वे बड़े स्तर पर आंदोलन करेंगे।
बड़ी संख्या में जनप्रतिनिधियों की मौजूदगी, आदिवासी समाज में आक्रोश
ज्ञापन देने के दौरान मोर्चा के प्रदेश संयोजक दिनेश माल, जिला पंचायत सदस्य राजेंद्र मईड़ा, ध्यानवीर डामोर, वीपीसिंह हारी, देवा सिंगाड़, अनिल मईड़ा, मिथुन सिंघाड़, शैलेंद्र डामोर, सरपंच हिन्दूसिंह मचार सहित बड़ी संख्या में आदिवासी समाज के सदस्य उपस्थित थे।
इस घटना से आदिवासी समाज में गहरा आक्रोश है और सभी निष्पक्ष जांच व त्वरित कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।
Also read : जबलपुर में उपायुक्त के घर EOW का छापा, मिली 5.89 करोड़ की बेनामी संपत्ति


