रतलाम। मध्य प्रदेश के जेल महानिदेशक जीपी सिंह ने रतलाम दौरे के दौरान बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि रतलाम सर्किल जेल को सेंट्रल जेल का दर्जा दिया जाएगा। इस संबंध में प्रस्ताव राज्य शासन को भेजा जा चुका है। रतलाम में 1500 कैदियों की क्षमता वाली नई जेल का निर्माण किया जा रहा है, जिससे ओवर क्राउडिंग की समस्या का स्थायी समाधान संभव होगा।
वर्तमान में रतलाम जेल की क्षमता केवल 380 कैदियों की है, जबकि यहां 611 कैदी बंद हैं। नई जेल निर्माण की टेंडर प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। राज्यभर में जेलों की क्षमता बढ़ाने हेतु 120 नए बैरकों का निर्माण किया जा रहा है, जिनमें से 20% का कार्य पूर्ण हो चुका है।

सुधारात्मक पहल और डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर
डीजी सिंह ने रतलाम जेल में सुतारी, सिलाई और लुहारी जैसे तीन सुधारात्मक उद्योगों की शुरुआत की। उन्होंने पुरुष एवं महिला बैरकों का निरीक्षण कर बंदियों से संवाद भी किया।
इसके साथ ही, रतलाम जेल में 6 नए वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग रूम का उद्घाटन किया गया, जिससे अब कुल वीसी रूम की संख्या 10 हो गई है। प्रदेशभर में 478 वीसी रूम बनाए जा रहे हैं, जो न्यायालय में तीन वर्षों में ट्रायल पूर्ण करने के लक्ष्य को गति देंगे।
प्रदेश के 8 जिलों में बन रही हैं नई जेलें
राज्य के बैतूल, छिंदवाड़ा, छतरपुर, बुरहानपुर, दमोह और रतलाम सहित 8 जिलों में नई जेलों का निर्माण किया जा रहा है। बैतूल और छिंदवाड़ा में कार्य लगभग पूरा हो चुका है, अन्य स्थानों पर निर्माण प्रक्रिया टेंडर स्तर पर है।