सिहोर (मध्यप्रदेश)।
कथा वाचक पंडित प्रदीप मिश्रा द्वारा प्रचारित कुबेरेश्वर धाम की कांवड़ यात्रा एक बार फिर विवादों में आ गई है। इस यात्रा के दौरान भगदड़, अव्यवस्था और भीषण ट्रैफिक जाम के चलते सात लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि कई घायल हैं। इंदौर-भोपाल हाईवे पर करीब 48 घंटे तक यातायात ठप रहा, जिससे आमजन को भारी परेशानी का सामना करना पड़ा।
इस आयोजन में उत्तर प्रदेश, बिहार, हरियाणा, गुजरात और राजस्थान जैसे राज्यों से भारी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे थे। मिश्रा द्वारा अपनी कथा में रुद्राक्ष वितरण की बात कहे जाने के बाद भक्तों की भीड़ बेकाबू हो गई। प्रशासन पूरी तरह से भीड़ प्रबंधन में असफल रहा और घटनास्थल पर अव्यवस्था का आलम बना रहा।
भीड़ प्रबंधन में फिर नाकाम रहा प्रशासन
यह पहली बार नहीं है जब कुबेरेश्वर धाम में हालात बेकाबू हुए हों। लगभग ढाई साल पहले रुद्राक्ष वितरण के दौरान भी लाखों लोग उमड़ पड़े थे। पानी, भोजन और छांव तक की सुविधा न होने के कारण लोग बेहाल हो गए थे और तब भी कई लोगों की मौत हो गई थी।
अब दोबारा रुद्राक्ष वितरण की घोषणा के साथ ही भीड़ ने व्यवस्थाओं को ध्वस्त कर दिया। इस बार भगदड़ में दो महिलाओं की मौत हुई, जबकि अन्य पांच लोगों की जान अलग-अलग कारणों से गई। इसके अलावा, हादसों में कई लोग घायल हुए, जिनमें से कुछ की हालत गंभीर बताई जा रही है।
48 घंटे का जाम: आमजन का जीवन अस्त-व्यस्त
इंदौर-भोपाल मार्ग पर दो दिनों तक भारी जाम की स्थिति बनी रही। लोग वैकल्पिक मार्गों से निकलने की कोशिश करते रहे, लेकिन लाखों वाहनों के दबाव ने सभी रास्तों को अवरुद्ध कर दिया। यात्रियों में बुजुर्ग, महिलाएं और बच्चे शामिल थे, जिन्हें बेहद कठिनाइयों का सामना करना पड़ा।
मानवाधिकार आयोग ने जताई आपत्ति
मध्यप्रदेश मानवाधिकार आयोग ने इस घटना पर संज्ञान लेते हुए रुद्राक्ष वितरण पर रोक लगाने की बात कही है। आयोग का कहना है कि ऐसी घटनाएं मानव जीवन के अधिकार का उल्लंघन हैं और इस पर जिम्मेदारों को जवाबदेह बनाया जाना चाहिए।
मंत्री की मांग: हो न्यायिक जांच
राज्य सरकार के मंत्री करण सिंह वर्मा ने भी हादसे पर प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा, “हमें जानकारी मिली है कि कुबेरेश्वर धाम में कई श्रद्धालुओं की मौत हुई है। इस मामले की न्यायिक जांच होनी चाहिए ताकि सच्चाई सामने आ सके।”
पंडित प्रदीप मिश्रा का स्पष्टीकरण
इस बीच, पंडित प्रदीप मिश्रा का भी बयान सामने आया है। उन्होंने कहा, “मेरे पास जो जानकारी आई है उसके अनुसार, जिन दो महिलाओं की मौत हुई है वे पहले से अस्वस्थ थीं। हमने पहले भी कहा है कि कोई बीमार या कमजोर है तो वह यात्रा में न आए।” मिश्रा ने मृतकों को श्रद्धांजलि अर्पित की है।
पहले भी रहे हैं विवादों में

प्रदीप मिश्रा इससे पहले भी कई बार विवादों में आ चुके हैं।
- राधा रानी पर विवादित टिप्पणी के बाद उन्हें माफी मांगनी पड़ी थी।
- राजनांदगांव (छत्तीसगढ़) की कथा रद्द होने के पीछे 30 लाख रुपए की राशि को लेकर विवाद रहा।
- महाराष्ट्र के बीड़ में भगवान चित्रगुप्त पर की गई टिप्पणी के कारण कायस्थ समाज ने विरोध जताया था।
- रुद्राक्ष वितरण में मची भगदड़ के चलते वह मंच पर रो भी चुके हैं और आयोजनों को लेकर खुद पर दबाव की बात कह चुके हैं।


