भोपाल। मध्यप्रदेश में OBC (अन्य पिछड़ा वर्ग) को 27% आरक्षण दिए जाने की मांग को लेकर एक बार फिर कानूनी जंग तेज हो गई है। सुप्रीम कोर्ट में इस मामले को लेकर एक महत्वपूर्ण याचिका दाखिल की गई है, जिसमें वर्ष 2019 में पारित कानून के बावजूद आरक्षण लागू न होने को चुनौती दी गई है।
2019 में बना था कानून, अब तक नहीं हुआ लागू
राज्य सरकार ने 2019 में OBC आरक्षण को 14% से बढ़ाकर 27% करने का कानून पारित किया था। लेकिन इस फैसले को अभी तक धरातल पर नहीं उतारा गया। याचिकाकर्ताओं का आरोप है कि सुप्रीम कोर्ट की ओर से कोई रोक नहीं होने के बावजूद सिर्फ एडवोकेट जनरल की सलाह के आधार पर आरक्षण लागू नहीं किया गया, जो कि कानूनी रूप से गलत है।
सुप्रीम कोर्ट में हुई पेशी, जल्द सुनवाई की उम्मीद
यह याचिका निश्चय सोनबीसे और अन्य की ओर से दायर की गई है। शुक्रवार को वकील वरुण ठाकुर ने सुप्रीम कोर्ट की पीठ के सामने इस मामले को रखा और त्वरित सुनवाई की मांग की। न्यायमूर्ति उज्जल भुइयां की अध्यक्षता वाली पीठ ने अगले सप्ताह सुनवाई का आश्वासन दिया है।

लाखों छात्रों और उम्मीदवारों को मिल सकता है फायदा
अगर सुप्रीम कोर्ट याचिकाकर्ताओं के पक्ष में फैसला देता है और राज्य सरकार कानून को तत्काल लागू करती है, तो OBC वर्ग के लाखों छात्रों और सरकारी नौकरी के उम्मीदवारों को सीधा लाभ मिल सकता है।


