भोपाल | न्यूज़ऑफिस24
मध्य प्रदेश के प्रमुख शहरों में बड़ी संख्या में नाइजीरियन नागरिक अवैध रूप से रह रहे थे — यह चौंकाने वाला खुलासा तब हुआ जब राज्य पुलिस और स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने संयुक्त रूप से एक ऑपरेशन को अंजाम दिया। इस कार्रवाई के दौरान भोपाल, इंदौर, ग्वालियर और जबलपुर में दर्जनों ऐसे विदेशी नागरिकों को पकड़ा गया जिनके पास न तो वैध वीज़ा था और न ही कोई पहचान पत्र।
कैसे सामने आया मामला?
सूत्रों के अनुसार, पिछले कुछ महीनों से इंदौर और भोपाल में साइबर ठगी और नशे के कारोबार से जुड़े मामलों में विदेशी मोबाइल नंबरों और संदिग्ध सोशल मीडिया अकाउंट्स की भूमिका सामने आ रही थी। पुलिस की साइबर सेल और STF की खुफिया इकाई ने जब इन गतिविधियों की गहराई से जांच शुरू की तो कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए। पता चला कि नाइजीरिया समेत कुछ अफ्रीकी देशों के नागरिक मध्य प्रदेश में अवैध रूप से रह रहे हैं, जिनमें से कुछ तो पिछले 4-5 सालों से किसी ठोस दस्तावेज के बिना भारत में सक्रिय थे।

STF का राज्यव्यापी ऑपरेशन
30 जुलाई से 1 अगस्त के बीच STF ने मध्य प्रदेश के चार बड़े शहरों में सक्रिय ऑपरेशन चलाया। इंदौर के विजय नगर, भोपाल के कोहेफिजा और MP नगर, ग्वालियर के सिटी सेंटर क्षेत्र और जबलपुर के अधारताल इलाके में छापेमारी की गई। इस दौरान अब तक 41 नाइजीरियन नागरिकों को पकड़ा गया, जिनमें से—
- 19 के पास कोई वैध वीज़ा या पासपोर्ट नहीं था
- 12 के वीज़ा की समाप्ति तिथि कई वर्ष पहले ही समाप्त हो चुकी थी
- 6 ने फर्जी पहचान पत्र दिखाए
- 4 नागरिकों से ड्रग्स से जुड़ा सामान बरामद किया गया है
पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई
मध्य प्रदेश पुलिस अब विदेश मंत्रालय और गृह मंत्रालय से संपर्क में है। सभी पकड़े गए नागरिकों के दस्तावेजों की जांच की जा रही है। जिनके दस्तावेज अमान्य पाए जाएंगे, उन्हें विदेशी नागरिक अधिनियम 1946 के तहत कार्रवाई करते हुए निर्वासित (Deport) किया जाएगा। कुछ मामलों में भारतीय दंड संहिता की आपराधिक धाराएं भी जोड़ी गई हैं, विशेष रूप से फर्जी दस्तावेज रखने, साइबर ठगी और नशीले पदार्थ रखने के आरोपों को लेकर।
STF प्रमुख का बयान:
“मध्य प्रदेश में इस तरह की गतिविधियाँ राष्ट्रीय सुरक्षा और समाज की शांति के लिए खतरा हैं। हम राज्य में अवैध रूप से रह रहे सभी विदेशी नागरिकों की पहचान कर उन्हें कानून के दायरे में लाएंगे।”
स्थानीय नेटवर्क और खतरा
पुलिस को यह भी संदेह है कि ये घुसपैठिए स्थानीय युवाओं के संपर्क में आकर ड्रग्स की अवैध आपूर्ति, ऑनलाइन ठगी और डार्क वेब नेटवर्किंग जैसी गतिविधियों में लिप्त थे। इंदौर पुलिस को मिले एक मोबाइल में दर्जनों ऐसे भारतीय नंबर पाए गए हैं जिनसे फर्जी बैंकिंग ऐप, UPI फ्रॉड और इंस्टाग्राम स्कैम से जुड़े चैट्स मिले हैं।
फ्लैट किराए पर देने वालों पर भी शिकंजा
STF ने यह भी पाया कि कई स्थानीय मकान मालिकों ने बिना पुलिस सत्यापन के ही इन विदेशी नागरिकों को किराए पर फ्लैट दे रखे थे। अब उन मकान मालिकों पर भी IPC की धारा 188 (सरकारी आदेश का उल्लंघन) के तहत मामला दर्ज किया जा रहा है।


