मध्यप्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी के खिलाफ दर्ज हुई एफआईआर को लेकर प्रदेश की राजनीति गरमा गई है। कांग्रेस पार्टी ने इसे विपक्ष की आवाज दबाने की साजिश बताया है। शनिवार को कांग्रेस मुख्यालय में पूर्व मंत्री पीसी शर्मा और संगठन उपाध्यक्ष सुखदेव पांसे ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि पटवारी ने केवल एक पीड़ित युवक को न्याय दिलाने की कोशिश की थी, लेकिन सरकार ने उन पर झूठा मामला दर्ज कर दिया।

इस मुद्दे पर NSUI कार्यकर्ता सड़कों पर उतर आए। वे मुख्यमंत्री को प्रतीकात्मक रूप से कागज़ की तलवार भेंट करना चाहते थे, जिसे शक्ति और साहस का प्रतीक बताया गया। NSUI प्रदेश अध्यक्ष आशुतोष चौकसे के नेतृत्व में निकले इस प्रदर्शन में पुलिस ने कार्रवाई करते हुए 30 कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया। चौकसे ने कहा कि यह लड़ाई केवल पटवारी के सम्मान की नहीं, बल्कि लोकतंत्र, वंचितों और शोषितों की आवाज की है।
कांग्रेस का आरोप है कि पीड़ित युवक ने पहले खुलेआम कहा था कि उसे पीटा गया, बाइक छीनी गई और जबरन मल खिलाया गया, लेकिन अब वह दबाव में बयान बदल रहा है। कांग्रेस ने दावा किया कि युवक ने आत्महत्या की भी कोशिश की थी, लेकिन प्रशासन ने उसे रोका।
इस घटनाक्रम पर भाजपा ने पलटवार करते हुए कांग्रेस को राजनीतिक ड्रामा करने वाली पार्टी बताया। भाजपा नेताओं का कहना है कि कांग्रेस जनता का ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है।
इस बीच, नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंगार ने भी सोशल मीडिया पर पटवारी के समर्थन में उतरते हुए लिखा कि यह एफआईआर विपक्ष को डराने का प्रयास है, लेकिन कांग्रेस का हर कार्यकर्ता जनता की लड़ाई लड़ता रहेगा।


