शिवपुरी जिले की पोहरी जनपद के ग्राम बमरा निवासी मांगीलाल शर्मा नाम के एक बुजुर्ग किसान को सरकारी रिकॉर्ड ने बताया मृत, जबकि वे असल में जीवित हैं और रोज़ खेतों में काम करते हैं। मंगलवार को हुई जनसुनवाई में मांगीलाल खुद कलेक्टर के सामने पहुंचे और कहा – “मैं जिंदा हूं, लेकिन सरकारी रिकॉर्ड ने बताया मृत ।”
उन्होंने बताया कि यह गलती ग्राम पंचायत सचिव की है, जिसने 6 जनवरी 2025 को उन्हें मृत घोषित कर दिया। इसके बाद से वे सरकारी योजनाओं का कोई भी लाभ नहीं ले पा रहे हैं। मांगीलाल ने कलेक्टर से निवेदन किया कि उनके नाम को पुनः जीवित दर्ज किया जाए।
बेटे की कोशिश में खुली सरकारी चूक
मांगीलाल के बेटे गिर्राज शर्मा जब अपने पिता की केवाईसी कराने समग्र आईडी निकालने पहुंचे, तो उसमें मांगीलाल को मृत दर्शाया गया। इस खुलासे के बाद पूरा परिवार परेशान हो उठा।
जनसुनवाई में मांगीलाल ने बताया कि वह पूरी तरह स्वस्थ हैं और दैनिक कार्य कर रहे हैं। लेकिन एक गलत एंट्री के कारण वे सरकारी पहचान और योजनाओं के लाभ से वंचित हो गए हैं।

प्रशासन की प्रतिक्रिया: अब मिलेगी राहत?
कलेक्टर ने शिकायत को गंभीरता से लेते हुए जांच के निर्देश दिए हैं। यह मामला सिस्टम की एक बड़ी चूक को सामने लाता है, जिससे एक जीवित व्यक्ति की पहचान तक छिन गई।
अब उम्मीद की जा रही है कि मांगीलाल को जल्द ही फिर से रिकॉर्ड में जीवित दर्ज किया जाएगा और उन्हें योजनाओं का लाभ भी मिलने लगेगा।
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