मध्यप्रदेश के इंदौर में सायबर अपराध अब सीधे गर्भवती और धात्री महिलाओं को निशाना बना रहे हैं। महिला एवं बाल विकास विभाग की योजनाओं का लाभ लेने वाली जरूरतमंद महिलाओं का डाटा “पोषण ट्रैकर एप” से लीक होकर सायबर अपराधियों के हाथ लग चुका है। अब अपराधी इन महिलाओं को फोन कर खुद को विभागीय अधिकारी बताकर OTP मांगते हैं और उनके खातों से हजारों रुपये उड़ा रहे हैं।
कैसे हो रहा सायबर अपराध ? OTP के जरिए हो रही ठगी
इस पूरे फ्रॉड का तरीका बेहद खतरनाक और संगठित है। पीड़ित महिलाओं को फोन कर कहा जाता है कि उनके खाते में सरकारी योजना की राशि भेजी जा रही है। इसके बाद उनसे एक OTP मांग लिया जाता है, जिसे बताने के कुछ ही मिनटों में उनके खाते से हजारों रुपये कट जाते हैं।
जैसा कि पीड़िता सोनू ने बताया—
“एक व्यक्ति ने खुद को आंगनबाड़ी से बताया और OTP मांगा। मेरे पास योजना का पैसा आने वाला था, तो मैं समझी कि सही कॉल है। कुछ ही समय में ₹12,000 गायब हो गए।”
पोषण ट्रैकर ऐप से कैसे लीक हुआ डाटा?
आंगनबाड़ी कार्यकर्ता राजकुमारी गोयल ने बताया कि उनके बड़ी ग्वालटोली आंगनबाड़ी केंद्र की दर्जनों महिलाओं को एक ही नंबर (7864077543) से कॉल आए। कॉल करने वाला खुद को विभाग का अधिकारी बता रहा था। कई महिलाओं ने OTP साझा किया और उनके बैंक खातों से पूरी राशि निकल गई।
सिर्फ एक नहीं, पिपल्याहाना, अम्बामाता, और रमाबाई नगर जैसी आंगनबाड़ी केंद्रों से भी ठगी की शिकायतें सामने आई हैं। एक हितग्राही ने तो कॉल रिकॉर्ड कर लिया और प्रमाण के तौर पर आंगनबाड़ी वर्कर को भेजा।

आंगनबाड़ी वर्कर्स पर गुस्सा निकाल रहे लोग
इन सायबर हमलों का शिकार सिर्फ महिलाएं ही नहीं, बल्कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और सहायिकाएं भी बन रही हैं। ठगी होने पर महिलाएं गुस्से में आकर कार्यकर्ताओं से भिड़ जाती हैं क्योंकि उन्हें लगता है कि उन्हीं के कारण फ्रॉड हुआ है।
राजकुमारी गोयल कहती हैं—
“हम बार-बार चेतावनी देते हैं, लेकिन लोग समझ नहीं रहे। ऊपर से हम पर ही आरोप लगते हैं।”
महिला बाल विकास विभाग का एक्शन प्लान
महिला बाल विकास अधिकारी रजनीश सिन्हा ने बताया कि अब हर आंगनबाड़ी पर जागरूकता सेशन आयोजित किए जाएंगे। शहर और ग्रामीण क्षेत्रों दोनों में महिलाओं को OTP शेयर न करने की सख्त हिदायत दी जाएगी।
परियोजना अधिकारी राजेन्द्र कुमार मंडलोई ने कहा:
“अगर किसी के साथ फ्रॉड होता है तो तुरंत सायबर सेल या स्थानीय पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज करवाएं।”
क्या है पोषण ट्रैकर ऐप?
पोषण ट्रैकर ऐप भारत सरकार के महिला एवं बाल विकास मंत्रालय द्वारा 1 मार्च 2021 को लॉन्च किया गया एक ई-गवर्नेंस मोबाइल एप्लिकेशन है। इसका उद्देश्य आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को सरकारी योजनाओं के रिकॉर्ड डिजिटल रूप में बनाए रखने और गर्भवती व धात्री माताओं को योजनाओं का लाभ दिलाने में सहायता करना है। इसमें महिलाओं का नाम, बैंक विवरण, मोबाइल नंबर जैसी संवेदनशील जानकारियां होती हैं।


