मध्यप्रदेश के सबसे सक्रिय विधायक की बात की जाए तो 16वीं विधानसभा में विधायकों की सक्रियता को लेकर बड़ा खुलासा हुआ है। आंकड़ों के मुताबिक, कुछ विधायक लगातार सरकार से सवाल पूछकर जनता की आवाज़ बुलंद कर रहे हैं, तो कुछ केवल नाम के ही ‘जनप्रतिनिधि’ बने हुए हैं। आइए जानते हैं, कौन हैं वो 10 विधायक जो सबसे ज्यादा सवाल पूछकर सरकार की नींद उड़ा रहे हैं।
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मध्यप्रदेश विधानसभा के टॉप 10 सबसे सक्रिय विधायक
मध्यप्रदेश में विपक्षी दल कांग्रेस के कई विधायक सरकार से तीखे सवाल कर रहे हैं, जबकि बीजेपी के भी कुछ विधायक अपनी सरकार को ही घेरने में पीछे नहीं हैं।
- विपिन जैन (कांग्रेस, मंदसौर) – 97 सवाल
मंदसौर से कांग्रेस विधायक विपिन जैन ने विधानसभा में सबसे ज्यादा सवाल पूछे हैं। विपक्ष में रहते हुए उन्होंने सरकार की योजनाओं, किसानों की समस्याओं और बेरोजगारी पर तीखे सवाल दागे हैं। - प्रताप ग्रेवाल (कांग्रेस, सरदारपुर) – 94 सवाल
कांग्रेस के प्रताप ग्रेवाल भी सवालों के मामले में पीछे नहीं हैं। वे लगातार ग्रामीण विकास और शिक्षा से जुड़े मुद्दे उठा रहे हैं। - राजेंद्र पांडे ‘राजू भैया’ (बीजेपी, जावरा) – 94 सवाल
बीजेपी के ही विधायक राजेंद्र पांडे भी अपनी ही सरकार से सवाल पूछने में पीछे नहीं हैं। - हीरालाल अलावा (कांग्रेस, मनावर) – 93 सवाल
हीरालाल अलावा ने आदिवासी क्षेत्रों में शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं की स्थिति पर जमकर सवाल किए हैं। - दिलीप सिंह परिहार (बीजेपी, नीमच) – 92 सवाल
अपनी ही सरकार से जवाब मांगने वाले बीजेपी विधायक दिलीप सिंह परिहार भी टॉप 5 में शामिल हैं। - आतिफ अरिफ अकील (कांग्रेस, भोपाल उत्तर) – 91 सवाल
भोपाल उत्तर के कांग्रेस विधायक ने अल्पसंख्यकों के मुद्दों पर सबसे ज्यादा सवाल किए हैं। - बाला बच्चन (कांग्रेस, राजपुर) – 90 सवाल
बाला बच्चन ने कानून-व्यवस्था पर जमकर सरकार को घेरा है। - जयवर्धन सिंह (कांग्रेस, राघोगढ़) – 90 सवाल
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के बेटे जयवर्धन सिंह ने युवाओं से जुड़े मुद्दों को उठाया है। - महेश परमार (कांग्रेस, तराना) – 89 सवाल
कांग्रेस विधायक महेश परमार ने किसानों के मुद्दों को उठाया और सरकार से जवाब मांगा। - नारायण सिंह पट्टा (कांग्रेस, बिछिया) – 89 सवाल
बिछिया के विधायक नारायण सिंह पट्टा ने आदिवासी विकास योजनाओं की हकीकत उजागर करने की कोशिश की है।
कमलेश्वर डोडियार भारत आदिवासी पार्टी (BAP) के विधायक हैं, जिन्होंने सैलाना विधानसभा सीट (रतलाम जिला) से 2023 में चुनाव जीता। वे 16वीं विधानसभा के सबसे चर्चित विधायकों में से एक हैं। एक ग्रेजुएट नेता होने के साथ-साथ, वे आदिवासी समुदाय के अधिकारों और विकास के लिए लगातार प्रयासरत हैं। उन्होंने 77 सवाल पूछकर सदन में अपनी सक्रियता साबित की है, जो राज्य के औसत (36.27) से काफी अधिक है। कमलेश्वर डोडियार ने सत्तारूढ़ बीजेपी सरकार पर लगातार तीखे सवाल उठाए हैं, जिससे वे एक मजबूत विपक्षी आवाज़ के रूप में उभरे हैं।
बीजेपी सरकार को विपक्ष ने किया कटघरे में खड़ा
दिलचस्प बात यह है कि टॉप 10 सबसे सक्रिय विधायक में से 8 कांग्रेस के हैं, जबकि बीजेपी के केवल 2 विधायक इस सूची में हैं। विपक्षी कांग्रेस विधायकों ने सरकार से तीखे सवाल पूछकर उसे कटघरे में खड़ा कर दिया है।
बीजेपी के विधायकों की चुप्पी पर सवाल
बीजेपी के अधिकांश विधायक या तो सरकार के पक्ष में खड़े हैं या विधानसभा में मौन धारण किए बैठे हैं। सवाल यह उठता है कि क्या सत्तारूढ़ दल के विधायक केवल पार्टी की हां में हां मिलाने के लिए हैं?
क्या वाकई जनता की आवाज़ बन रहे हैं विधायक?
सवाल पूछना विधायक का कर्तव्य है। विपक्षी कांग्रेस के विधायक इस भूमिका को निभाते दिख रहे हैं, जबकि बीजेपी के केवल कुछ ही विधायक अपनी सरकार से सवाल पूछने का साहस दिखा रहे हैं।
आम जनता को अपने विधायकों से सवाल करने चाहिए कि वे विधानसभा में उनकी समस्याओं की आवाज़ उठा रहे हैं या नहीं। विधानसभा में सक्रियता ही असली जनसेवा का पैमाना है!